Published in Divya Himachal on June 4th 2015
शमशी — विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में एक दुर्लभ प्राणी नजर आया है, जिसके लिए वाइल्ड लाइफ महकमा 32 सालों से राज्य भर के जंगलों को छान रहा था। घोरल प्रजाति का शर्मीला प्राणी सैरो, जिसे स्थानीय भाषा में ‘ऐमू’ के नाम से जाना जाता है, विश्व धरोहर सूची में दर्ज हो चुके कुल्लू जिला के नेशनल पार्क में दिखाई दिया है। उक्त जीव की खोज के लिए वाइल्ड लाइफ विभाग दस हजार रुपए तक के इनाम की घोषणा कर चुका था और अब इसके नजर आने से नेशनल पार्क की टीम फूले नहीं समा रही है। इस प्राणी के मिलने के बाद पार्क का महत्त्व और ज्यादा बढ़ गया है। इस सफलता के बाद विभाग को इस जीव की अन्य जोडि़यों की मौजूदगी के भी संकेत मिलने लगे हैं। बता दें कि ऐमू पूर्वी भारत के राज्यों सिक्किम और अन्य राज्यों के ऊंचे जंगलों में मिलता है, लेकिन साल 1984 के बाद हिमाचल के जंगलों में इसके अवशेष मिलने के बावजूद विभाग की टीम इसे खोज नहीं पाई थी। साल 1998 में तत्कालीन प्रधान अरण्यपाल ने तो इस पर दस हजार रुपए का इनाम तक घोषित कर दिया था। अब नेशनल पार्क में इसके दीदार को सोने पर सुहागा माना जा रहा है तो पार्क में मौजूद जीवों की संख्या का आंकड़ा भी 32 हो गया है। नेशनल पार्क के अरण्यपाल बीएस राणा की मानें तो 754 वर्ग किमी में फैले इस इलाके में वर्तमान में 800 वनस्पतियां, 250 किस्मों के पशु-पक्षी, 125 प्रकार के कीट-पतंगे और 32 किस्मों के स्तनधारी जीव हो गए हैं। पार्क में राज्य पक्षी जाजुराणा, मोनाल, लाल भालू, जंगली मुर्गे, राज्य फूल गुलाबी बुरांस, बर्फानी चीता, जंगली बकरों सहित 600 से अधिक प्राणी हैं। वहीं विभाग के अधिकारियों की मेहनत के बलबूते अब ऐमू भी इसकी शान बढ़ाएगा। विभाग के अधिकारियों के अनुसार उक्त प्राणी को जीवानाला के साथ लगते इलाके में देखा गया है। विभाग के अरण्यपाल के अनुसार उक्त जीव ऊंचे बर्फीले इलाकों में पाया जाता है और शर्मीले स्वभाव का होता है और रिहायशी इलाकों से दूर रहना पसंद करता है। उन्होंने बताया कि पार्क में उक्त जीव के नजर आने के बाद विभाग का अगला लक्ष्य इसका संरक्षण करना है तो साथ ही इसकी संख्या को बढ़ाना है।
June 4th, 2015
Source: Divya Himachal